इण्डिया में ग्रेजुएट या डिप्लोमा लोग हर 100 में 6 के आसपास हैं ( 2010 के सेन्सस के डाटा के मुताबिक ) | 12वीं पास लोगों की संख्या भी बहुत कम है , करीब हर 100 में 10 के आसपास लोग 12वीं पास हैं | इण्डिया में बहुत कम लोग इंग्लिश सीख पाते हैं | इसके चलते बड़ी संख्या में लोगों को सिर्फ उतना ही पता होता है, जो लोकल भाषा के किताब में छप गया हो ; और इंग्लिश में छपी नयी जानकारियों से अंजान रहते हैं |
ऐसा ही एक जानकारी है - आदमी का जन्म, आदमी के पुरखे और होमिनिड |
इस पेज में सिर्फ वही है, जो साईंटिस्ट लोगों के बीच अच्छे से माना जाता है; वो जानकारिया नहीं हैं जो सर कुछ लोगों का अंदाजा है |
जानवरों के कई सारे नस्ल हैं : गाय, भैंस, बकरी, बन्दर, गोरिल्ला, चूहा, कौव्वा , आदमी ...| आदमी की नस्ल को होमो-सेपियन्स (homo sapiens) कहते हैं | सभी आदमी होमो-सेपियन्स हैं | शरीर के मिलने जुलने के हिसाब से बन्दर, गोरिल्ला, आदमी ये सब को प्राइमेट (primate) नाम के जानवरों के ग्रुप में रखा जाता है | सभी प्राइमेट (आदमी, बन्दर, गोरिल्ला,...) , गाय, चूहा, बकरी, शेर,.. ये सब मैमल (mammal) याने के स्तनधारी नाम के जानवरों के बड़े ग्रुप में आते हैं | स्तनधारी जानवर चिड़िया जैसे प्राणियों से अलग हैं |
इस धरती में प्राणियों की कई नस्लें समय के साथ आज की कई नस्लों में विकसित हो गयीं या ख़त्म हो गयी |
आदमी से मिलते जुलते दो पैरों से चलने वालें प्राइमेट जानवरों को जो नस्लें हुयीं थी या हैं, उनको होमिनिड (hominid) कहा जाता है | पिछले 30 हज़ार साल से धरती में होमिनिड की सिर्फ एक नस्ल है : वो हमारी है, याने होमो-सेपियन्स है | 30 हज़ार साल से पहले हमारी नस्ल के अलावा होमिनिड की दुसरी नस्लें भी थी : जैसे नियेंडरथल |
जेनेटिक जानकारी के हिसाब से इस धरती के सभी आदमियों की माँ की माँ की माँ .. को पता करने पर सबकी एक अकेली जो माँ मिलती है वो करीब 1 से 2 लाख साल पहले हुई थी | ये माँ जिससे आज के सभी आदमी पैदा हुए हैं को माईटोकांडरिया के डीएनए से कितना पीढ़ी पहले हुई थी पता किया गया है, और ये संख्या 1 से 2 साल के रेंज में है, क्योंकि बच्चा पैदा करने के उम्र का एस्टीमेट लेना होता है | ज्यादा जानकारी के लिए देखें https://en.wikipedia.org/wiki/Mitochondrial_Eve और http://science.sciencemag.org/content/341/6145/562 |
जेनेटिक और कंकाल के रिसर्च के हिसाब से आदमी की नस्ल पूर्वी अफ्रिका , आज के इथियोपिया के आसपास पनपी| याने के हमारे बिलकुल शुरू के पूर्वज इस पूर्वी अफ्रीका में रहा करते थे | वे धीरे धीरे करीब करीब पुरे अफ्रीका में फ़ैल गए | उनके कोई भी झुण्ड या ग्रुप जिसने अफ्रीका से करीब 70 हज़ार साल से पहले निकलने की कोशिस की, अपने वंशज आज ज़िंदा नहीं छोड़ पाया |
जेनेटिक जानकारी के हिसाब से सौ से हज़ार लोगों का कोई झुण्ड (जो शायद एक ही जनजाति के थे) जो अफ्रीका से करीब 60-70 हज़ार साल पहले सफलतापूर्वक निकला और समुद्र किनारे अरब के एरिया में पहुंचा , अफ्रीका के बाहर के हर आदमी के पूर्वज हैं | यानि के , चीनी , भारतीय , जापानी, इराकी, अँग्रेज़, फ्रेंच सब के सब 60 या 70 हज़ार साल पहले के इस जनजाति के लोगों की संतान हैं |
कंकालों की खोज भी इस जेनेटिक रिसर्च के पक्ष में है | अफ्रीका के बाहर हमारी नस्ल के कंकालों की संख्या समय में पीछे जाने के साथ और अफ्रीका से दुरी के साथ कम होती जाती है | 60-70 हज़ार साल पहले से पुराने हमारी नस्ल के कंकाल सिर्फ अफ्रीका में मिलते हैं |
( जिस किसी को भी अफ्रीका के बाहर 50-60 हजार साल या उससे पुराना आदमी का कंकाल मिलेगा वो फेमस हो जाएगा :) )
लम्बे समय तक हमारे पूर्वज जानवरों के शिकार और फल-फुल इकठ्ठा करने वाली (दुसरे जानवरों जैसी) जिंदगी जीते रहे | उन्होंने बातचीत करना कब चालु किया ये भी रिसर्च का टॉपिक है | एक और रिसर्च का टॉपिक है यूरोप में हमारे पूर्वज कब बड़ी संख्या में गोरे चमड़ी के (यानी कि कम मेलेनिन वाले) हुए |
बसना और खेती करना हमारे पूर्वजों ने 10 हज़ार साल पहले के आसपास अरब उपमहाद्वीप में शुरू किया | आदमी के नक़ल करने में महारत ने खेती , बातचीत और दूसरी स्किल दूर दूर तक हमारे पूर्वजों में पहुंचा दिया |
ज्यादा जानकारी के लिए : http://ngm.nationalgeographic.com/ngm/0603/feature2/map.html, https://genographic.nationalgeographic.com/human-journey/ , http://www.smithsonianmag.com/history/the-great-human-migration-13561/?no-ist .
ऐसा ही एक जानकारी है - आदमी का जन्म, आदमी के पुरखे और होमिनिड |
इस पेज में सिर्फ वही है, जो साईंटिस्ट लोगों के बीच अच्छे से माना जाता है; वो जानकारिया नहीं हैं जो सर कुछ लोगों का अंदाजा है |
जानवरों के कई सारे नस्ल हैं : गाय, भैंस, बकरी, बन्दर, गोरिल्ला, चूहा, कौव्वा , आदमी ...| आदमी की नस्ल को होमो-सेपियन्स (homo sapiens) कहते हैं | सभी आदमी होमो-सेपियन्स हैं | शरीर के मिलने जुलने के हिसाब से बन्दर, गोरिल्ला, आदमी ये सब को प्राइमेट (primate) नाम के जानवरों के ग्रुप में रखा जाता है | सभी प्राइमेट (आदमी, बन्दर, गोरिल्ला,...) , गाय, चूहा, बकरी, शेर,.. ये सब मैमल (mammal) याने के स्तनधारी नाम के जानवरों के बड़े ग्रुप में आते हैं | स्तनधारी जानवर चिड़िया जैसे प्राणियों से अलग हैं |
इस धरती में प्राणियों की कई नस्लें समय के साथ आज की कई नस्लों में विकसित हो गयीं या ख़त्म हो गयी |
आदमी से मिलते जुलते दो पैरों से चलने वालें प्राइमेट जानवरों को जो नस्लें हुयीं थी या हैं, उनको होमिनिड (hominid) कहा जाता है | पिछले 30 हज़ार साल से धरती में होमिनिड की सिर्फ एक नस्ल है : वो हमारी है, याने होमो-सेपियन्स है | 30 हज़ार साल से पहले हमारी नस्ल के अलावा होमिनिड की दुसरी नस्लें भी थी : जैसे नियेंडरथल |
जेनेटिक जानकारी के हिसाब से इस धरती के सभी आदमियों की माँ की माँ की माँ .. को पता करने पर सबकी एक अकेली जो माँ मिलती है वो करीब 1 से 2 लाख साल पहले हुई थी | ये माँ जिससे आज के सभी आदमी पैदा हुए हैं को माईटोकांडरिया के डीएनए से कितना पीढ़ी पहले हुई थी पता किया गया है, और ये संख्या 1 से 2 साल के रेंज में है, क्योंकि बच्चा पैदा करने के उम्र का एस्टीमेट लेना होता है | ज्यादा जानकारी के लिए देखें https://en.wikipedia.org/wiki/Mitochondrial_Eve और http://science.sciencemag.org/content/341/6145/562 |
जेनेटिक और कंकाल के रिसर्च के हिसाब से आदमी की नस्ल पूर्वी अफ्रिका , आज के इथियोपिया के आसपास पनपी| याने के हमारे बिलकुल शुरू के पूर्वज इस पूर्वी अफ्रीका में रहा करते थे | वे धीरे धीरे करीब करीब पुरे अफ्रीका में फ़ैल गए | उनके कोई भी झुण्ड या ग्रुप जिसने अफ्रीका से करीब 70 हज़ार साल से पहले निकलने की कोशिस की, अपने वंशज आज ज़िंदा नहीं छोड़ पाया |
जेनेटिक जानकारी के हिसाब से सौ से हज़ार लोगों का कोई झुण्ड (जो शायद एक ही जनजाति के थे) जो अफ्रीका से करीब 60-70 हज़ार साल पहले सफलतापूर्वक निकला और समुद्र किनारे अरब के एरिया में पहुंचा , अफ्रीका के बाहर के हर आदमी के पूर्वज हैं | यानि के , चीनी , भारतीय , जापानी, इराकी, अँग्रेज़, फ्रेंच सब के सब 60 या 70 हज़ार साल पहले के इस जनजाति के लोगों की संतान हैं |
कंकालों की खोज भी इस जेनेटिक रिसर्च के पक्ष में है | अफ्रीका के बाहर हमारी नस्ल के कंकालों की संख्या समय में पीछे जाने के साथ और अफ्रीका से दुरी के साथ कम होती जाती है | 60-70 हज़ार साल पहले से पुराने हमारी नस्ल के कंकाल सिर्फ अफ्रीका में मिलते हैं |
( जिस किसी को भी अफ्रीका के बाहर 50-60 हजार साल या उससे पुराना आदमी का कंकाल मिलेगा वो फेमस हो जाएगा :) )
लम्बे समय तक हमारे पूर्वज जानवरों के शिकार और फल-फुल इकठ्ठा करने वाली (दुसरे जानवरों जैसी) जिंदगी जीते रहे | उन्होंने बातचीत करना कब चालु किया ये भी रिसर्च का टॉपिक है | एक और रिसर्च का टॉपिक है यूरोप में हमारे पूर्वज कब बड़ी संख्या में गोरे चमड़ी के (यानी कि कम मेलेनिन वाले) हुए |
बसना और खेती करना हमारे पूर्वजों ने 10 हज़ार साल पहले के आसपास अरब उपमहाद्वीप में शुरू किया | आदमी के नक़ल करने में महारत ने खेती , बातचीत और दूसरी स्किल दूर दूर तक हमारे पूर्वजों में पहुंचा दिया |
ज्यादा जानकारी के लिए : http://ngm.nationalgeographic.com/ngm/0603/feature2/map.html, https://genographic.nationalgeographic.com/human-journey/ , http://www.smithsonianmag.com/history/the-great-human-migration-13561/?no-ist .
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